प्यार की एक कहानी पार्ट-4

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बातें तो बहुत होती थी दोनों के बीच।काजल शाम को कॉलेज से फ्री होकर और श्याम भी शाम को समय निकाल काजल से बात करता।अब बात थी एक दूसरे से मिलने की ,,,,,दूरियां कुछ चुभने सी लगी थी दोनों को।कहते है दूरियां रिश्तों को मजबूत करता है पर एक वक्त आता है जब वो दूरियां बोझ सी लगने लगती है।












इस उभरती हुई दुनिया में प्यार का एक नया अंदाज होता है जिससे नाम दिया गया है"long distance relationship"का....काजल और श्याम का रिश्ता भी इसी लोंग डिस्टेंस रिलेशशिप की धागे से बांधा हुआ रिश्ता था।कहेने को बहुत सरल है पर इसके मायने बहुत है।ऐसा रिश्ता कायम करना जिसमें दूरियां हो सहेजता शैयाम वक्त भरोसा और समझ मांगता है।ऐसे रिश्ते में बंधे दो लोग इसकी अहमियत समझने में अक्सर पिछड़ जाते है जिससे बहुत गहरे रिश्ते भी टूट जाते है।अब चुकी काजल और श्याम कभी ना मिले थे उन्हें मिलने की चाह हो जायज है।दोनों ने सोच लिया था कि अब एक बार मिलेंगे जरूर और जल्द ही। प्लानिंग श्याम के जन्मदिन में मिलने की हो गई थी।










कुछ समय बीत गया,सब सही चल रहा था मार्च का महीना होली का समय था।काजल होली की छुट्टियों में कॉलेज से घर आई हुई थी।और फिर यह से शुरू हुआ कभी सपने में भी ना देखने जैसा मंजर.....कोरोना काल।।।जिसमें ना जाने कितनो को मौत के घाट उतार दिया।सारी दुनिया में कहेर हो गया था। लॉकडाउन सुरु हुआ सारा जहान थम सा गया था...स्कूल कॉलज काम काज सब कुछ बंद हो गया।बंद ना हुआ था तो सिर्फ दूर और मौत का खेल।।



अब काजल घर पर थी और श्याम भी घर पर जाहिर है कि बाते फोन पर कम हो गई।पर टेक्नीक को नमन है जो इतनी वृद्धि हो गई है,,,,,,बाते सुनकर ना सही पर लिखित में चल ही रही थी अब तो वक्त भी दोनों के पास समय था। दोनों एक दूसरे को समझने लगे थे।पर अभी तो ये शुरुआत ही थी.......... 












*To be continued*.........

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