प्यार की एक कहानी पार्ट - 3

 श्याम की बातें सुनकर काजल को कुछ समझ नहीं आ रहा था। उसने कभी नहीं सोचा था कि श्याम कभी उससे ऐसे अपने प्यार का इजहार करेगा या तो कभी उससे यह कहेगा कि वह उससे प्यार करता है। 








  वह तो शाम को सिर्फ अच्छा दोस्त मानती थी। ना उसने पहले कभी ऐसा कुछ महसूस किया था ना ही कभी किसी से प्यार। बहुत सोचने के बाद पर उसे कुछ ना समझ आ रहा था आखिर में उसने शाम को हा ही कर दी यह सोच कर कि नहीं श्याम टूट ना जाए। श्याम काजल की जिंदगी में एक अच्छा दोस्त बन कर आया था। उसे प्यार के मायने ना सही पर दोस्ती के मायने पता थे और काजल श्याम को उसके इस दौर में अकेला नहीं छोड़ पाई।और यहीं से उनकी जिंदगी में एक नया मोड़ शुरू हुआ।


काजल का उसके जिंदगी में होना उसके संभालने का कारण हो गया था क्योंकि पायल के चले जाने के बाद काजल ने उसका साथ दिया। अब काजल और श्याम के बीच काफी बातें शुरू हो गई। वह दोनों एक दूसरे को अपनी सारी बातें बताने लगे,अपने सुख दुख बांटने लगे। काजल के लिए यह सब बहुत नया था पर उसे एक साथी मिल गया था जोश के लिए बहुत खास था।


अब अगर कोई रिश्ता ऐसा बना है तो उसमें प्यार भी है तो टकरार होना जायज है। सब सही चल रहा था पर कहते हैं ना हर रिश्ते में लड़ाई होना मामूली बात है। एक वक्त आया जब दोनों में लड़ाई हुई और यह लड़ाई इतनी बढ़ गई कि श्याम ने काजल से कह दिया कि वह अब काजल से कोई रिश्ता नहीं रखना चाहता और उसने काजल से बात बंद कर दी।


 गुस्सा दोनों में था इसलिए काजल ने भी श्याम को नहीं मनाया। पर कहते हैं ना जब एक बार किसी चीज की आदत लग जाए तो उसे छोड़ना इतना आसान नहीं होता।अब रोज की तरह बात ना होने पर बेताबी होना जायज था।काजल अपना फोन लिए बैठ गई पर  श्याम से बात करने को तैयार ना थी तो वही श्याम काजल की दोस्त से फोन पर उसकी खबर ले लेता पर उससे बात करने को तैयार ना था। एक पूरा दिन बात ना करने के बाद आखिर में दोनों ने हार मान कर एक दूसरे से बात की वह भी समझ गए थे की उन्हें एक दूसरे से बात करने की आदत सी हो गई थी। दोनों बेताब हो जाते अब बातें वापस है शुरू हो गई थी और ये तो सिर्फ पहली लड़ाई थी अभी तो बहुत सी चीजें होनी बाकी थी,,,,,.......







  


*To be continued*............

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