Meri maa



चूल्हे पर सिकते जिसके हाथ
रोटियो मे स्वाद आ जाए
ओढ़नी फटी हो जिसकी 
उसकी छाव मे सारा जहान मुस्कराए 
और माँ होती हैं वो जनाब, 
जो इतने दर्द सहकर जिंदगी देती है
ताकी उसका लाल इस दुनिया मे साँस ले पाये

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